Chandipura Virus: क्या है, लक्षण और बचाव के उपाय
कोरोना के बाद अब एक और नए वायरस, चांदीपुरा, ने गुजरात में दस्तक दी है। पिछले 9 दिनों में इस वायरस से 12 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से मंगलवार तक कुल आठ बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की मौत से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है।
संक्रमण के बढ़ने से देश की स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट पर हैं। यह वायरस विशेष रूप से 9 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहा है।
Gujarat news: कोरोना के बाद चांदीपुरा वायरस का खतरा
गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में चांदीपुरा वायरस (Chandipura virus) का प्रकोप मासूम बच्चों की जान ले रहा है। पिछले दो दिनों में चार बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनकी मृत्यु साबरकांठा सिविल अस्पताल में हुई है। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस वायरस की पुष्टि नहीं की है। बच्चों के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। लूणावाड़ा और हिम्मतनगर में भी एक-एक बच्चे की मौत हो गई है। गुजरात में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है।
मंगलवार तक कुल मरने वाले बच्चों की संख्या आठ तक पहुंच गई है। वायरस के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम एक्टिव हो गई है और जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की 300 टीमें अलग-अलग गांवों में सर्विलांस का काम कर दवा का छिड़काव कर रही हैं।
Chandipura virus क्या है?
यह कोई नया वायरस नहीं है। इसका पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुर में सामने आया था। यह वायरस महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में पाया जाता है। यह एक आरएनए वायरस है जो मस्तिष्क ज्वर (एन्सेफलाइटिस) का कारण बनता है। यह मच्छरों और मक्खियों जैसे रोगवाहकों से फैलता है।
Chandipura virus किसे संक्रमित कर सकता है?
चांदीपुरा वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, विशेष रूप से 14 साल तक के बच्चों को। संक्रमण तब फैलता है जब वायरस मक्खी या मच्छर के काटने या उनकी लार के संपर्क के माध्यम से रक्त में प्रवेश करता है। वायरस से संक्रमित बच्चों के मस्तिष्क में सूजन समेत कई अन्य लक्षण दिखाई देने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग संक्रमित बच्चों के परिजनों का भी सैंपल ले रहा है।
छह जिलों में मिले केस
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि साबरकांठा, अरावल्ली, महिसागर, खेड़ा, मेहसाणा और राजकोट जिलों से इसके मामले सामने आए हैं। पटेल ने यह भी बताया कि पड़ोसी राज्यों के तीन मरीज़ों (राजस्थान के दो और मध्य प्रदेश के एक मरीज़) का भी गुजरात के अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। राजस्थान के दो में से एक की मौत हो गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित जिलों की गहन निगरानी शुरू कर दी है। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप-जिला अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों को विशेष परामर्श जारी किया गया है कि वे मिलते-जुलते लक्षणों वाले संदिग्ध मामलों को चांदीपुरा वायरस मानकर सावधानी बरतें। एहतियात के तौर पर 26 आवासीय क्षेत्रों के 8,600 घरों में 44,000 से अधिक लोगों की जांच की गई है।
Chandipura virus के लक्षण
संक्रमित मरीज को तेज बुखार होता है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और एन्सेफलाइटिस की शिकायत होती है। इस वायरस से संक्रमित मरीजों में उल्टी, गर्दन में ऐंठन और सिरदर्द आम लक्षण हैं।
Chandipura virus से बचाव के लिए क्या करें?
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में जाने से परहेज करना चाहिए। मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए समय-समय पर छिड़काव जरूरी है। संक्रमण के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लें। डॉक्टर के अनुसार, इसके इलाज के लिए अभी तक कोई एंटी-वायरल दवा विकसित नहीं हुई है। इस बीमारी में डॉक्टर लक्षणों के अनुसार दवा देते हैं। संक्रमण का समय पर पता लगाने और जल्द ही उपचार करने से खतरा कम हो सकता है। इसकी मृत्यु दर 75% तक है। यह वायरस खतरनाक है क्योंकि यह सीधे दिमाग पर असर करता है।
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