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New Criminal Laws in India 2024 In Hindi: गैंग रेप, मॉब लिंचिंग और e-FIR पर नए प्रावधान, नए कानूनों की पूरी जानकारी

New Criminal Laws in India 2024 In Hindi
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New Criminal Laws in India 2024 In Hindi: गैंग रेप, मॉब लिंचिंग और e-FIR पर नए प्रावधान, नए कानूनों की पूरी जानकारी

New Criminal Laws in India 2024: मोदी 3.0 सरकार के आते ही, देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। ये नए कानून जीरो FIR, गैंग रेप, मोब लिंचिंग, ई-एफआईआर और रेप केस में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे ऑडियो-वीडियो को शामिल करते हैं। साथ ही, कई पुरानी धाराओं को हटाकर नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इन कानूनों के लागू होने से 51 साल पुराने सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होगी। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू होंगे। महिलाओं से जुड़े अपराधों में अब और भी कड़ी सजा मिलेगी और ई-एफआईआर से भी एफआईआर दर्ज की जा सकेगी।

नए कानून से बदलाव

1 जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए मामलों में नए कानून का असर नहीं होगा। लेकिन 1 जुलाई के बाद दर्ज मामलों पर नए कानून लागू होंगे। इसमें ऑडियो-वीडियो साक्ष्य पर जोर दिया गया है और फॉरेंसिक जांच को महत्वपूर्ण माना गया है। कोई भी नागरिक कहीं से भी जीरो FIR दर्ज करा सकता है, जिसे संबंधित थाने में जांच के लिए भेजा जाएगा। अगर जीरो FIR ऐसे अपराध से जुड़ी है जिसमें तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है, तो फॉरेंसिक टीम से साक्ष्य की जांच करवाई जाएगी।

नई तकनीक से जुड़े नए कानून

नए कानूनों के साथ, नई तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। ई-एफआईआर की सुविधा होगी और वॉइस रिकॉर्डिंग से भी सूचना दी जा सकेगी। ई-एफआईआर दर्ज कराने पर फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने जाकर एफआईआर की कॉपी पर साइन करना जरूरी होगा। गंभीर अपराधों में भी ई-एफआईआर दर्ज की जा सकेगी। पुलिस को आरोपी से हुई पूछताछ के बिंदु भी फरियादी को मिल सकेंगे।

प्रमुख बदलाव:

  1. जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर: अब किसी भी नागरिक को कहीं से भी जीरो एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा होगी। इसके लिए मामले को संबंधित थाने में भेजा जाएगा। गंभीर मामलों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी।
  2. ऑडियो-वीडियो साक्ष्य: रेप और अन्य गंभीर मामलों में ऑडियो-वीडियो साक्ष्यों को प्रमुखता दी जाएगी। इससे जांच और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  3. महिलाओं के लिए सख्त कानून: महिलाओं से जुड़े ज्यादातर अपराधों में सजा को कड़ा किया गया है। 12 साल से कम उम्र की पीड़िता के साथ रेप पर न्यूनतम 20 साल की सजा, आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है।
  4. मोब लिंचिंग: मॉब लिंचिंग को गंभीर अपराध मानते हुए इसमें 7 साल की कैद, उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान है।
  5. ई-एफआईआर और वॉइस रिकॉर्डिंग: अब ई-एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा होगी। फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंचकर एफआईआर की कॉपी पर साइन करना होगा। वॉइस रिकॉर्डिंग से भी पुलिस को सूचना दी जा सकेगी।
  6. चार्जशीट और जजमेंट: एफआईआर दर्ज होने के 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होगी। चार्जशीट दाखिल होने के 60 दिनों के भीतर कोर्ट को आरोप तय करने होंगे। सुनवाई पूरी होने के 30 दिनों के भीतर जजमेंट देना होगा और जजमेंट की कॉपी 7 दिनों के भीतर मुहैया करानी होगी।
  7. पुलिस प्रक्रिया: पुलिस को हिरासत में लिए गए शख्स के बारे में उसके परिवार को लिखित में सूचना देनी होगी।
  8. महिला और बाल सुरक्षा: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को 36 धाराओं में कवर किया गया है। रेप का केस धारा 63 के तहत दर्ज होगा और धारा 64 में अपराधी को अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 वर्ष कैद की सजा का प्रावधान है।
  9. राजनीतिक केस: राज्य सरकारें अब राजनीतिक केस एकतरफा बंद नहीं कर सकेंगी। धरना-प्रदर्शन और उपद्रव में आम नागरिक की मंजूरी लेनी होगी।
  10. चुनावी अपराध और संपत्ति की सुरक्षा: चुनावी अपराध को धारा 169-177 तक रखा गया है। संपत्ति को नुकसान, चोरी, लूट और डकैती आदि मामले को धारा 303-334 तक रखा गया है।

निष्कर्ष

इन नए कानूनों के लागू होने से न्यायिक प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे, जो अपराधों को नियंत्रित करने और न्याय देने में सहायक होंगे। इससे देश की कानून व्यवस्था में सुधार और आधुनिक तकनीक का समावेश होगा।

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