Story in Hindi: संयम और साहस- एक प्रेरक कहानी
बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में एक आलसी नाई रहता था। वह सारा दिन आईने के सामने बैठकर टूटे कंघे से बाल संवारता रहता था। उसकी बूढ़ी मां उसे हमेशा डांटती थी, लेकिन नाई पर कोई असर नहीं होता था। एक दिन, उसकी मां ने गुस्से में आकर उसकी पिटाई कर दी। अपमानित महसूस करके, वह घर छोड़कर चला गया और कसम खाई कि जब तक कुछ धन नहीं कमा लेगा, वह घर वापस नहीं आएगा।
Story in hindi: भटके हुए को सही रास्ता दिखाने वाली साध्वी की प्रेरणादायक कहानी
नाई का साहसिक सफर
चलते-चलते वह जंगल पहुंचा। उसे कोई काम नहीं आता था, इसलिए वह भगवान को मनाने बैठ गया। तभी उसका सामना एक ब्रम्हराक्षस से हुआ। राक्षस नाई को देखकर खुश हुआ और नाचने लगा। नाई ने साहस दिखाते हुए डर को जाहिर नहीं किया और राक्षस के साथ नाचने लगा।
कुछ देर बाद नाई ने राक्षस से पूछा, “तुम क्यों नाच रहे हो?” राक्षस हंसते हुए बोला, “मैं तुम्हारे नरम-नरम मांस को खाने की खुशी में नाच रहा हूं। वैसे, तुम क्यों नाच रहे हो?” नाई ने ठहाका लगाते हुए कहा, “हमारा राजकुमार बीमार है और उसे सौ ब्रम्हराक्षसों के हृदय का रक्त चाहिए। मैंने 100 ब्रम्हराक्षस पकड़ लिए हैं, अब तुम भी मेरी गिरफ्त में हो।” यह सुनकर राक्षस डर गया और नाई से विनती की कि उसे छोड़ दे।
राक्षस ने नाई को सात रियासतों के खजाने का लालच दिया। नाई ने कहा, “धन कहां है और इतनी रात में कौन इसे घर पहुंचाएगा?” राक्षस ने पेड़ को उखाड़कर हीरे-मोतियों से भरे सात कलश दिखाए। नाई ने अपनी भावनाओं को छुपाते हुए कहा, “मुझे और खजाने को घर पहुंचाओ।” राक्षस ने आदेश का पालन किया, लेकिन नाई ने उसे छोड़ने से मना कर दिया और अगला काम फसल काटने का दिया।
राक्षस ने मजबूरी में फसल काटनी शुरू की। तभी दूसरा राक्षस वहां से गुजरा और अपने दोस्त की हालत देखकर पूछा। पहले राक्षस ने पूरी कहानी बताई। दूसरे राक्षस ने हंसते हुए कहा, “राक्षस आदमी से ज्यादा शक्तिशाली होते हैं। चलो, मुझे उसका घर दिखाओ।” पहले राक्षस ने नाई का घर दूर से दिखा दिया।
नाई की पत्नी की समझदारी
नाई ने अपनी कामयाबी का जश्न मनाने के लिए भोज का आयोजन किया और बड़ी मछली भी लाई। लेकिन एक बिल्ली खिड़की से आकर मछली खा गई। नाई की बीवी गुस्से में बिल्ली को मारने के लिए चाकू लेकर खिड़की के पास खड़ी हो गई। दूसरा राक्षस भी खिड़की से घुसा और नाई की बीवी ने चाकू से उसकी नाक काट दी। दर्द से कराहता हुआ राक्षस भाग गया।
नाई की बुद्धिमानी
पहला राक्षस धैर्य के साथ फसल काटकर नाई के पास अपनी मुक्ति के लिए गया। धूर्त नाई ने उल्टा शीशा दिखाया। राक्षस ने अपनी छवि न पाकर राहत की सांस ली और खुशी-खुशी चला गया।
शिक्षा: धैर्य और साहस
यह कहानी हमें सिखाती है कि धैर्य और संयम से बड़ी मुसीबतें भी टल जाती हैं और साहस से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती। नाई ने अपनी चालाकी और साहस से न केवल अपनी जान बचाई बल्कि खजाना भी प्राप्त किया।
इस कहानी में नाई की बुद्धिमानी और धैर्य ने उसे कठिन परिस्थितियों में भी सफल बनाया। हमें भी अपनी जिंदगी में धैर्य और साहस से काम लेना चाहिए, ताकि हम हर मुश्किल का सामना कर सकें।
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